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बैंक संकट को लेकर सरकार सतर्क

सिलीकॉन वैली बैंक संकट के दौर में भारतीय स्टार्टअप की मदद और उनसे जुड़े मुद्दों को सुलझाने की रणनीति को लेकर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र गिफ्ट सिटी ने एक समिति बनाई है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इस समिति में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग यानी डीपीआईआईटी का भी एक सदस्य रहेगा.

मंत्रालय के मुताबिक इस संकट से भारतीय स्टार्टअप पूरी तरह अप्रभावित हैं, बावजूद इसके संकट की इस घड़ी में बैंक के ऊपर लगे प्रतिबंधों से होने वाले नुकसान को देखते हुए इससे निपटने की रणनीति बनाई जा रही है. इसी रणनीति को बनाने के लिए यह नई समिति बनाई गई है जो एक से दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.

डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव मनमीत कौर नंदा ने बताया कि देश में स्टार्टअप की ग्रोथ लगातार बढ़ रही है और पिछले वित्तवर्ष यानि 2022-23 में इसमें अच्छा खासा उछाल भी देखने को मिला है. उन्होंने बताया कि देश में कुल स्टार्टअप की संख्या 95 हजार के करीब पहुंच चुकी है. इनमें से देश के उत्तर पूर्व में पिछले दो महीने में ही 140 स्टार्टअप उभर कर सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि देश में स्टार्टअप की फंडिंग को लेकर इस वक्त कोई विशेष चिंता नहीं है. एक अप्रैल से शुरू हुई स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी योजनाओं से 18 वित्तीय संस्थानों को जोड़ा गया है.

अमेरिका के सिलीकॉन वैली बैंक के पिछले महीने डूब जाने के बाद भारतीय स्टार्टअप पर भी संकट बढ़ने की आशंका जताई जाने लगी है. विशेषज्ञों का कहना है कि सिलीकॉन वैली बैंक ने भारत समेत दुनिया के ज्यादातर स्टार्टअप को आसान धन मुहैया कराया है. मुश्किलों में फंसने के बाद स्टार्टअप तेजी से छंटनी करने लगे हैं. ऐसे में सरकार स्टार्टअप को संभालने के लिए हर संभव विकल्प पर विचार कर रही है.

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