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शासकीय कर्मचारियों के मध्य भारी आर्थिक असमानता, प्रशासनिक व्यवस्था के लिए घातक : गोपाल प्रसाद साहू

गोपाल प्रसाद साहू, प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय कार्यालय में कार्यरत नियमित एवं अनियमित कर्मचारियों के मध्य आर्थिक असमानता प्रशासनिक व्यवस्था के लिए घातक है| अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी से औसतन आधे से भी कम वेतन मिलता है| इसलिए अनियमित वर्ग के कर्मचारियों में भारी असंतोष है|

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में अनियमित कर्मचारी जैसे-आउट सोर्सिंग (प्लेसमेंट), सेवा प्रदाता, ठेका, जाबदर, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, मानदेय, अशंकालिक के रूप कार्यरत है| ये अनियमित कर्मचारी प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है| ये विगत 5, 10, 15, 20, 25 वर्षों से अधिक समय से आर्थिक एवं मानसिक शोषण के शिकार प्रशासनिक रूप से हो रहे है तथा नियमित कर्मचारी से आधे से कम वेतन में कार्य करने मजबूर है| वर्तमान में इनकी स्थिति मध्यकालीन बन्धुआ मजदूर से बदतर है| बेरोजगारी, आर्थिक असुरक्षा, पारिवारिक जिम्मेदारी, प्रशासनिक दबाव के कारण ये अनियमित कर्मचारी अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय का विरोध खुलकर नहीं कर पाते है| उपरोक्त कारणों से समाज के पढ़े-लिखे नव-युवा/युवतियां मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे है|

आर्थिक असमानता:

  • नियमित एवं अनियमित कर्मचारियों के मध्य वेतन/मानदेय में अत्यधिक असमानता है|
  • नियमित कर्मचारी को प्रथम नियुक्ति पर रु. 15600 से 56100 (लेवल- 1 से 12) है, साल-दर-साल वेतन वृद्धि होती है, नियत समय में क्रमोन्नति भी होती है| इसके ऊपर डी.ए.(46 प्रतिशत), एच.आर.ए.(6 प्रतिशत), एवं अन्य भत्ता तथा अन्य सुविधाएँ जैसे चिकित्सा क्षतिपूर्ति, ग्रेजयूटी, पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति का भी दिया जाता है|
  • अनियमित कर्मचारी जैसे आउट सोर्सिंग (प्लेसमेंट), सेवा प्रदाता, ठेका, जाबदर, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, मानदेय, अशंकालिक के लिए श्रम विभाग द्वारा जारी न्यूनतम वेतन, वित्त विभाग द्वारा जारी एक मुश्त संविदा वेतन एवं अन्य में एक निश्चित मानदेय प्रचलन में है|
  • संविदा एक मुश्त वेतन अंतर्गत नियुक्त कर्मचारी को प्रथम नियुक्ति पर रु. 14400 से 51780 (लेवल- 1 से 12) है| किसी प्रकार की कोई भत्ता नहीं| प्रथम नियुक्ति पर भी यही वेतन एवं जो 5 10, 15, 20, 25 वर्ष कार्य करते हो गए है उन्हें भी यही वेतन मिलता है|
  • न्यूनतम वेतन रु. 10620 से 12310 है| न्यूनतम वेतम में विगत 6 वर्ष से वृद्धि नहीं कि गई है| भारत सरकार द्वारा वेतन वेतन संहिता 2020 अधिसूचित किया गया है उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भी वेतन नियम 2021 बनाये जाना प्रक्रियाधीन है|
  • मानदेय रु. 1000 से 25000 तक है|

माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा के अनुरूप वेतन/मानदेय वृद्धि एवं श्रम सम्मान राशि का लाभ नहीं:

  • संविदा या एकमुश्त संविदा वेतन पर कार्यरत (आउट सोर्सिंग-प्लेसमेंट, मानदेय) अनेक विभाग में योजना-परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जा रहा है|
  • इसी प्रकार दैनिक/मासिक (दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक ) वेतन पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को रु. 4000/- श्रम सम्मान राशि भी अनेक विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है|
  • मध्यान्न भोजन रसोइयों के लिए प्रति माह रु. 500 भी नहीं मिल रहा है|

अनुमानित अनियमित कर्मचारियों की संख्या : (अक्तूबर 2023 की स्थिति में) : 

प्लेसमेंट (आउट सोर्सिंग) – 40537,

ठेका/सेवा प्रदाता-30946,

मानदेय-112233,

जॉबदर   -10032,

अंशकालीन-65934,

दे.वे.भो./कलेक्टर दर /श्रमायुक्त श्रमिक-30772,

संविदा-50089,

मध्यान्न भोजन रसोईया (मानदेय)-87025,

मितानिन (जॉब दर)  -72240,

बिहान केडर (मानदेय)- 98696,

आंगनबाड़ी /मिनी कार्यकर्त्ता (मानदेय)-52474,

आंगनबाड़ी  सहायिका  (मानदेय)-46660,

अनुकम्पा नियुक्ति शिक्षाकर्मी -1269,

पृथक अनियमित कर्मचारी -39934,                

कुल -738841 (स्रोत : जैसा सम्बंधित विभाग के अनियमित कर्मचारियों द्वारा बताया गया|)

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