गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान, कहा “बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड की रिपोर्ट जल्द होगी सार्वजानिक”
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और कवर्धा जिलों में हुए भीषण सड़क हादसे ने लोगों की जिंदगी को अचानक खतरे में डाल दिया है। इस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई थी, जिसने समाज के ध्यान को खींचकर रख दिया। आज, हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी, जिसमें चीफ जस्टिस के बेंच पर जजों की उपस्थिति होगी।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका को माना है। उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल को इस मामले की फाइल तैयार करने और रजिस्टर्ड करने के निर्देश दिए हैं। जनहित याचिका की पहली सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में आज होगी।
यह नहीं पहली बार है जब चीफ जस्टिस ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर संज्ञान लिया है। पहले भी, उन्होंने प्रदेश की सड़कों पर हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए जनहित याचिका की सुनवाई करवाई थी। इसमें छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव, प्रदेशभर के कलेक्टर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, स्टेट हाइवे के आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
यह हादसा सिर्फ एक अकेले क्षेत्र को ही नहीं प्रभावित करता है, बल्कि इससे प्रायः सभी राज्यों की सड़क सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। इसके साथ ही, आदिवासी समुदाय की सुरक्षा और उनके अधिकारों का ध्यान भी महत्वपूर्ण है।
हाईकोर्ट की इस सुनवाई से उम्मीद है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए नए उपाय तय किए जाएंगे। इससे समाज को सड़क सुरक्षा में विश्वास मिलेगा और लोगों की जिंदगी को खतरे से बचाने के लिए नए प्रयास किए जाएंगे।