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प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू किया गया जारी : जी-20, आतंकवाद, भ्रष्टाचार और अर्थव्यवस्था पर क्या बोले ,पढ़ें इंटरव्यू की 10 बड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ इंटरव्यू में जी-20 सम्मेलन (G-20 Summit), देश की अर्थव्यवस्था, रूस-यूक्रेन युद्ध, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, जातिवाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि 2047 तक भारत विकसित देशों (India developed countries) की लिस्ट में शामिल हो जाएगा।प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि गैर जिम्मेदार फाइनेंशियल पॉलिसी (financial policy) और लोकलभुवान वादे थोड़े समय के लिए राजनीतिक रूप से फायदा दे सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसकी सामाजिक और आर्थिक (social and economic) कीमत चुकानी पड़ सकती है. वहीं, जी-20 सम्मेलन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह उनके दिल के बेहद करीब है. इसके जरिए हमारी बातों और दृष्टिकोण को दुनिया सिर्फ विचारों के रूप में नहीं बल्कि भविष्य के रोडमैप के रूप में देख रही है. रविवार (3 सितंबर) को पीटीआई की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू जारी किया गया।आइए जानते हैं इंटरव्यू की बड़ी बातें-पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया की नजर अब भारत की ओर है. दुनिया का नजरिया अब मानव केंद्रित हुआ है. ‘सबका साथ, सबका विकास’ अब विश्व कल्याण के लिए भी एक मार्गदर्शक सिद्धांत साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि दुनिया में अब तक जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण चलता रहा है, लेकिन अब इसमें खासा बदलाव आ गया है और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के रूप में बदल रहा है. यही नहीं भारत इसमें उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है.2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र होने की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र हो जाएगा. हमारे राष्ट्रीय जीवन में अब भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता की कोई जगह नहीं होगी.जी-20 की बैठक के कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में कराए जाने के सवाल पर पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि अपने देश में हम कहीं भी बैठक कर सकते हैं. (देश के) हर भाग में बैठक आयोजित होना स्वाभाविक है. पाकिस्तान और चीन की ओर से इन जगहों पर बैठक कराए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी.डेढ़ साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “विभिन्न जगहों पर अलग-अलग संघर्षों को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है.”फर्जी खबरों के नुकसान को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “फर्जी खबरें अराजकता का कारण बन सकती हैं और इनसे समाचार माध्यमों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है. इसका इस्तेमाल समाज में अशांति के लिए भी किया जा सकता है.”साइबर क्राइम के खतरे पर पीएम मोदी ने कहा, “साइबर क्राइम को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए. साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, धनशोधन इस खतरे की झलक भर हैं. साइबर क्षेत्र ने अवैध वित्तीय गतिविधियों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया आयाम पेश किया है.”पिछले 9 साल के शासनकाल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से लेकर अब तक 9 साल की राजनीतिक स्थिरता के चलते देश में कई सुधार किए गए हैं और देशभर में विकास और इसका स्वाभाविक प्रतिफल है.क्रिप्टोकरेंसी और डार्कनेट को खतरा बताते हुए पीएम मोदी कहा, “आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए डार्कनेट, मेटावर्स और क्रिप्टोकरेंसी जैसे प्लेटफॉर्म का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. इस वजहो से राष्ट्रों के सामाजिक ताने-बाने पर इस का खासा असर पड़ सकता है.”लोकलुभावन वादों को गलत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, “गैर-जिम्मेदाराना वित्तीय नीतियों और लोकलुभावनवाद का सबसे अधिक असर सबसे गरीब वर्ग पर पड़ता है. इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना वित्तीय और लोकलुभावन नीतियों की वजह से अल्पकालिक राजनीतिक परिणाम जरूर मिल सकते हैं, लेकिन लंबे समय के लिए इसकी बड़ी सामाजिक और आर्थिक कीमत चुकानी पड़ सकती है.”मुद्रास्फीति के बारे में पीएम मोदी ने कहा, “मुद्रास्फीति दुनिया के सामने बहुत बड़ा मुद्दा है. हमारी जी-20 की अध्यक्षता ने उन नीतियों को मान्यता दी है जिसमें एक देश में मुद्रास्फीति दूसरे देशों को प्रभावित नहीं करती. वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए नीतिगत रुख का समय पर और स्पष्ट संचार महत्वपूर्ण है.”

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