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लोक महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का जानें सही समय और सही नियम

आज महापर्व छठ पूजा का तीसरा दिन है। खरना की पूजा करके प्रसाद ग्रहण करने के बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत है। आज शाम के समय में व्रती अस्ताचलगामी सूर्य यानि डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे, सूर्य देव और छठ मैया की पूजा करेंगे। बता दें कि अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा काफी पुरानी है।कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं उपवास करती हैं और शाम के समय किसी तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। आज के दिन वृद्धि योग और द्विपुष्कर योग बने हैं। कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं उपवास करती हैं और शाम के समय किसी तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। छठ का तीसरा दिन बहुत ही खास माना जाता है।छठ पूजा 2023 तीसरे दिन के शुभ मुहूर्ततिथि: कार्तिक शुक्ल षष्ठी, 18 नवंबर को सुबह 09:18 बजे से आज सुबह 07:23 बजे तकवृद्धि योग: आज, प्रात:काल से लेकर रात 11:28 बजे तकद्विपुष्कर योग: रात 10:48 बजे से कल प्रात: 05:21 बजे तकनक्षत्र: श्रवण, सुबह से रात 11:48 बजे तक, फिर धनिष्ठा नक्षत्रसूर्योदय: सुबह 06:46 बजेसूर्यास्त: शाम 05:26 बजेराहुकाल: शाम 04:06 बजे से शाम 05:26 बजे तकभद्रा: कल, सुबह 05:21 बजे से सुबह 06:47 बजे तकसूर्य देव को अर्घ्य देने के नियमArghya to setting sun on third day chhath pujaइस दिन अस्ताचलगामी सूर्य अर्घ्य देने के लिए किसी साफ लोटे में जल लेकर उसमें कच्चा दूध मिलाएं।इसी लोटे में लालचन्दन, लालफूल, चावल और कुश डालकर पूरे मन से सूर्य की ओर मुख करके खड़े हो जाएं।पानी के इस कलश को छाती के बीच थोड़ा ऊपर उठाएं और सूर्य मंत्र का जाप करें।अब धीरे-धीरे जल की धारा प्रवाहित कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और पुष्पांजलि अर्पित करें।जल प्रवाहित करते समय अपनी नजर कलश की धारा वाले किनारे पर ही रखें।

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