अडानी समूह ने 20,000 करोड़ का ब्योरा दिया
उद्योगपति गौतम अडानी के समूह ने 2019 से अपनी कंपनियों में बेची गई कुल 2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का ब्योरा दिया. समूह ने साथ ही यह भी बताया कि किस तरह इस राशि का 2.55 अरब डॉलर हिस्सा दोबारा व्यापार में लगाया गया.
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावे के जवाब में समूह ने यह जानकारी दी. राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि बेनामी कंपनियों के जरिए समूह में 20,000 करोड़ रुपये आए हैं. समूह के मुताबिक अबू धाबी स्थित वैश्विक रणनीतिक निवेश इकाई इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) जैसे निवेशकों ने अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ग्रीन एनर्जी (एजीईएल) जैसी समूह की कंपनियों में 2.593 अरब डॉलर (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया. प्रवर्तकों ने अडानी टोटल गैस और एजीईएल में हिस्सेदारी बेचकर 2.783 अरब डॉलर जुटाए.
समूह ने कहा, इस राशि को नए कारोबार के विकास और अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी पावर जैसी कंपनियों की वृद्धि के लिए प्रवर्तक संस्थाओं ने दोबारा निवेश किया.
बयान में अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन की एक रिपोर्ट का खंडन किया गया, जो स्पष्ट रूप से राहुल गांधी के बयान का आधार था. रिपोर्ट में सवाल किया गया था कि अडाणी की बेनामी कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये अचानक कहां से आ गए. समूह ने कहा, हम प्रतिभूति कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहे हैं और प्रवर्तक स्वामित्व तथा वित्तपोषण को लेकर चीजें बिल्कुल साफ है.
अडानी ने कहा कि जनवरी 2021 में प्रवर्तकों ने नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी एजीईएल में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी फ्रांस की दिग्गज कंपनी टोटल एनर्जी को बेचकर दो अरब डॉलर जुटाए. इससे पहले, उन्होंने शहरी गैस इकाई- अडानी टोटल गैस लिमिटेड में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी उसी फ्रांसीसी कंपनी को 78.3 करोड़ डॉलर में बेची थी.
टोटल एनर्जीज ने इस तरह के कुछ निवेश करने के लिए प्रवर्तकों की विदेशी निवेश कंपनियों को खरीदा. विदेश में मिली धनराशि को समूह की कंपनियों में वापस लाया गया, जिसे कुछ लोग अब बेनामी कंपनियों का नाम दे रहे हैं.